Loan Rejection Reason:
समय के साथ बढ़ते खर्चों के कारण किसी को पैसों की जरूरत पड़ सकती है। इन खर्चों में ज्यादातर लोग मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा, बच्चों की शादी आदि जैसे खर्चों के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेकर अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं।
इसमें लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का अच्छा क्रेडिट स्कोर अहम भूमिका निभाता है। क्योंकि अच्छे क्रेडिट स्कोर से कम ब्याज पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ मामलों में अच्छा क्रेडिट होने के बाद भी बैंक आवेदक का लोन आवेदन खारिज कर देता है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा होने के बावजूद भी आपका लोन रिजेक्ट (Loan Rejection Reason) हो रहा है तो इसके कई कारण हो सकते हैं।
इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनमें बैंक लोन आवेदन खारिज कर देता है। इसलिए आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
Loan Rejection Reason के कारन
इन कारणों से आपका लोन रिजेक्ट हो जाता है।
एंप्लॉयमें हिस्ट्री और स्टेटस (Employee History And Status)
बैंक किसी को भी लोन देने के पहले यह चेक करता है की आवेदन करता के पास कब से रोजगार है और कोनसे कंपनी में काम करता है।
यह मुख्या कारन को ध्यान में रखते हुए बैंक लोन जारी करता है। अगर आवेदन करता के पास कोई रोजगार नहीं है तो ऐसे में बैंक द्वारा लोन रिजेक्ट कर दिया जाता है।
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डिफॉल्टर लोन का गारंटर होना (Being A Guarantor Of A Defaulting Loan)
अगर आप किसी के लोन के गारंटर हैं तो बैंक या वित्तीय संस्थान से लिए गए लोन में किसी भी तरह की चूक का असर लोन लेने वाले और गारंटर दोनों की क्रेडिट हिस्ट्री पर पड़ता है।
इसका मतलब यह है कि भले ही लोन आपके नाम पर नहीं लिया गया हो, गारंटर के रूप में आपका सिबिल स्कोर भी प्रभावित होगा।
इसके कारण, जब भी आप भविष्य में लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो डिफ़ॉल्ट लोन पर आपकी गारंटी लोन द्वारा लोनदाता को अस्वीकार करने का कारण बन सकती है।
सिबिल रिपोर्ट में टिप्पणियां (Magpie In CIBIL Report)
ऐसी कई बातों को नजरअंदाज करने से लोन रिजेक्ट हो जाता है। जैसे सिबिल रिपोर्ट में टिप्पणियों को नजरअंदाज करना।
आपको पता होना चाहिए कि CIBIL द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट, चाहे वह क्रेडिट स्कोर हो या क्रेडिट सूचना रिपोर्ट या सूचना रिपोर्ट, ऋणदाता को ऋण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
डेट टू इनकम रेश्यो (Debt To Income Ratio)
आपको बता दें कि डीटीआई व्यक्ति द्वारा चुकाए जा रहे सभी लोन भुगतान को मासिक आय से विभाजित करने के बाद प्राप्त प्रतिशत को डेट टू इनकम रेश्यो कहा जाता है। ऐसे में अगर कर्जदार की डीटीआई अच्छी नहीं है तो उसका लोन रिजेक्ट होने की संभावना अधिक हो सकती है।
अनियमित कर भुगतान इतिहास (Irregular Tax Payment History)
जिन आवेदकों ने पिछले कुछ वर्षों में हमेशा से अपना आयकर रिटर्न भरा है उन्हें अधिकांश बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा लोन के लिए पहली प्राथमिकता देते है।